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सभी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव के सभी चरणों में रोड सेफ्टी ऑडिट थर्ड पार्टी ऑडिटर्स या विशेषज्ञों द्वारा करवाना अनिवार्य किया गया

सड़क सुरक्षा प्रत्येक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का एक अभिन्न और अपरिहार्य अंग होती है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा पहल विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की शुरुआत के साथ शुरू हुई है क्योंकि सभी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का सड़क सुरक्षा ऑडिट डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव आदि सभी चरणों यानी में थर्ड पार्टी ऑडिटर्स या विशेषज्ञों द्वारा होना अनिवार्य कर दिया गया है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, व्यापक सड़क सुरक्षा पहलुओं के लिए खर्च की जाने वाली धनराशि राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में शामिल स्ट्रक्चर्स के आधार पर विकास परियोजनाओं की कुल लागत का 2.21% से 15% तक होती है।

इसके अलावा, मंत्रालय सड़क पर चलने वाले सभी लोगों में जागरूकता और प्रचार पैदा करने और मॉडल ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थानों/केंद्रों की स्थापना, मॉडल निरीक्षण और प्रमाणन केंद्रों की स्थापना, सुधार के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन विभाग को वित्तीय सहायता प्रदान करने और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत की योजना भी लागू करता है। पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान इन पहलों के लिए मंत्रालय द्वारा जारी धनराशि का विवरण इस प्रकार है: –

(रुपए करोड़ों में)
क्रमांकएक्टिविटी/कार्यक्रमबीई वित्त वर्ष2018-19वित्त वर्ष2018-19 में खर्चबीई वित्त वर्ष2019-20वित्त वर्ष2019-20 में खर्च बीई वित्त वर्ष2020-21वित्त वर्ष2020-21 में खर्च बीई वित्त वर्ष2021-22वित्त वर्ष2021-22 में खर्च बीई वित्त वर्ष2022-23वित्त वर्ष2022-23 में खर्च 
1सड़क सुरक्षा प्रचार उपाय और जागरूकता अभियान, एनएचएआरएसएस, असंगठित क्षेत्र में ड्राइवरों का पुनश्चर्या प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास, आदि।185.0091.08130.046.26171.065.94109.0041.48189.5068.67
2निरीक्षण एवं प्रमाणन केन्द्र (राजस्व) 20.0019.9722.015.0829.016.2029.0014.153314.60
3सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का सुधार एवं सुदृढ़ीकरण30.000.2989.01.4089.030.60103.0010.8015.00*  

-मंत्रालय ने शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), एन्फोर्समेंट और इमरजेंसी केयर के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है। तदनुसार, मंत्रालय द्वारा विभिन्न पहल की गई हैं जैसा कि एनेक्शर-I में बताया गया है।

संसद द्वारा पारित मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 सड़क सुरक्षा पर केंद्रित है और इसमें अन्य बातों के अलावा, यातायात उल्लंघन के लिए दंड में संशोधन, सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और एन्फोर्समेंट, किशोर ड्राइविंग के लिए बढ़ा हुआ दंड, वाहन फिटनेस का स्वचालन, किसी भी खराबी वाले वाहनों की वापसी, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को सुव्यवस्थित करना और हिट एंड रन मामलों के लिए बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान, सड़क डिजाइन, निर्माण और रखरखाव आदि के लिए मानकों का पालन करने की जिम्मेदारी शामिल है। संशोधन ने सड़क सुरक्षा परिदृश्य में सुधार के लिए कानून को मजबूत किया है।

एनेक्शर-I

सड़क सुरक्षा के मुद्दे के समाधान के लिए मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों का विवरण: –

1.शिक्षा:

 – मंत्रालय सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों के संचालन के लिए विभिन्न एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सड़क सुरक्षा वकालत योजना का संचालन करता है।

– जागरूकता फैलाने और सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हर साल राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह/सप्ताह का पालन।

– मंत्रालय देश भर में राज्य/जिला स्तर पर ड्राइविंग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआर), क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) स्थापित करने के लिए एक योजना संचालित करता है।

2.इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों)

2.1 सड़क इंजीनियरिंग:

 – सभी राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) का सड़क सुरक्षा ऑडिट (आरएसए) सभी चरणों यानी डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव आदि में थर्ड पार्टी ऑडिटर्स/ विशेषज्ञों के माध्यम से अनिवार्य कर दिया गया है।

– राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट/दुर्घटना स्थलों की पहचान और सुधार को उच्च प्राथमिकता दी जाती है।

– आरएसए और अन्य सड़क सुरक्षा संबंधी कार्यों की देखभाल के लिए मंत्रालय के तहत सड़क स्वामित्व एजेंसियों के प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय में सड़क सुरक्षा अधिकारी (आरएसओ) को नामित किया गया है।

– मंत्रालय देश भर में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की रिपोर्टिंग, प्रबंधन और विश्लेषण के लिए एक केंद्रीय भंडार स्थापित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) परियोजना का संचालन करता है।

– मंत्रालय ने ड्राइवरों को बेहतर विजिबिलिटी और सहज मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और अंतर्राष्ट्रीय मानकों को शामिल करके एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर साइनेज के प्रावधान के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

– समय-समय पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सड़क के सुरक्षा मानकों के डिजाइन या निर्माण या रखरखाव के लिए किसी भी नामित प्राधिकारी, ठेकेदार, सलाहकार या रियायतग्राही की जिम्मेदारी के लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में प्रावधान किए गए हैं।

2.2 वाहन इंजीनियरिंग:

 मंत्रालय ने वाहनों को सुरक्षित बनाने के लिए विभिन्न पहल की हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:-

-वाहन की अगली सीट पर चालक के बगल में बैठे यात्री के लिए एयरबैग का अनिवार्य प्रावधान।

-चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए मोटर साइकिल चलाने या ले जाने के लिए सुरक्षा उपायों से संबंधित निर्धारित मानदंड। यह सुरक्षा हार्नेस, क्रैश हेलमेट के उपयोग को भी निर्दिष्ट करता है और गति को 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित करता है।

निम्नलिखित सूचीबद्ध सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के फिटमेंट के लिए अनिवार्य प्रावधान:-

 M1 श्रेणी के वाहनों के लिए:

– ड्राइवर और सह-चालक के लिए सीट बेल्ट रिमाइंडर (एसबीआर)।

– सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम के लिए मैनुअल ओवरराइड

– ओवर स्पीड चेतावनी प्रणाली

– सभी एम और एन श्रेणी के वाहनों के लिए:

रिवर्स पार्किंग अलर्ट सिस्टम

– एल की कुछ श्रेणियों के लिए अनिवार्य एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) [चार पहियों से कम मोटर वाहन और एक क्वाड्रिसाइकिल शामिल है], एम [यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कम से कम चार पहियों वाले मोटर वाहन] और एन [कम से कम चार पहियों वाले मोटर वाहन सामान ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले चार पहिये, जो बीआईएस मानकों] श्रेणियों में निर्धारित शर्तों के अधीन, सामान के अलावा व्यक्तियों को भी ले जा सकते हैं।

 – दो पहिया, तीन पहिया, क्वाड्रिसाइकिल, फायर टेंडर, एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों को छोड़कर, सभी परिवहन वाहनों में अनिवार्य गति सीमित कार्य/गति सीमित उपकरण।

 – ऑटोमेटिव परीक्षण स्टेशनों की मान्यता, विनियमन और नियंत्रण के लिए नियम प्रकाशित किए गए, जो स्वचालित उपकरणों के माध्यम से वाहनों के फिटनेस परीक्षण की प्रक्रिया और एटीएस द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया को परिभाषित करते हैं।

 -इन्सेंटिव्स/डी-इन्सेंटिव्स के आधार पर और प्रदूषण फैलाने वाले पुराने, अनुपयुक्त वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक ईकोसिस्टम बनाने के लिए वाहन स्क्रैपिंग नीति तैयार की गई।

 -स्वचालित प्रणाली के माध्यम से वाहनों की फिटनेस का परीक्षण करने के लिए केंद्रीय सहायता से प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में एक मॉडल निरीक्षण और प्रमाणन केंद्र स्थापित करने की योजना।

 -यात्री कारों की सुरक्षा रेटिंग की अवधारणा को पेश करने और उपभोक्ताओं को सूचित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने के लिए भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (बीएनसीएपी) के संबंध में नियम प्रकाशित किए गए।

3.एन्फोर्समेंट-

 -मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 लागू होने के बाद अनुपालन सुनिश्चित करने और यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए रोकथाम बढ़ाने और प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सख्त प्रवर्तन के लिए सख्त दंड का प्रावधान है।

-मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और प्रवर्तन के लिए नियम जारी किए हैं। नियम राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में महत्वपूर्ण जंक्शनों पर उच्च जोखिम और उच्च घनत्व वाले कोरिडोर्स पर इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट इंट्रूमेंट्स लगाने के लिए विस्तृत प्रावधानों को निर्दिष्ट करते हैं।

 4.इमरजेंसी केयर:

 -मंत्रालय नेकदिल लोगों की सुरक्षा के प्रतिबद्ध है, जो सद्भावना से, स्वेच्छा से और बिना किसी पुरस्कार या मुआवजे की अपेक्षा के पीड़ित को दुर्घटना स्थल पर आपातकालीन चिकित्सा या गैर-चिकित्सा देखभाल या सहायता प्रदान करते हैं या ऐसे पीड़ित को अस्पताल पहुंचाते हैं।

-मंत्रालय ने हिट एंड रन मोटर दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए मुआवजा (गंभीर चोट के लिए 12,500 रुपये से 50,000 रुपये और मृत्यु के लिए 25,000 रुपये से 2,00,000 रुपये) बढ़ा दिया है

-भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजमार्गों के पूरे कोरिडोर्स पर टोल प्लाजा पर पैरामेडिकल स्टाफ/आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन/नर्स के साथ एम्बुलेंस के लिए प्रावधान किया है।

 यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

Wcnews7.in Abhimanyu

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