विद्युत संयंत्रों का नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण तथा उनका जीवन विस्तार
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने सूचित किया है कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार थर्मल और हाइड्रो सहित बिजली संयंत्र ब्रेकडाउन, उत्पादन में हानि और दक्षता की हानि इत्यादि को रोकने के लिए विभिन्न संयंत्र वस्तुओं/मशीनरी का वार्षिक रखरखाव और आवधिक रखरखाव करते हैं। केन्द्रीय विद्युत् प्राधिकरण (सीईए) की सामान्य समीक्षा 2022 के अनुसार कोयला और लिग्नाइट आधारित संयंत्रों की दक्षता 2014-15 के 34.68% से बढ़कर 2021-22 में 35.88% हो गई।
नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (रिनोवेशन एंड मॉडर्नइजेशन- आर एंड एम) और जीवन विस्तार (लाइफ एक्स्टेंशन- एलई) के संबंध में, सीईए ने अगस्त, 2023 में कोयला आधारित तापीय विद्युत् संयंत्रों (थर्मल पावर प्लांटों) के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (आरएंडएम) और जीवन विस्तार (एलई) के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है और इसे विद्युत् मंत्रालय (एमओपी) द्वारा उन सभी विद्युत् उपयोगिताओं (पॉवर यूटिलिटीज) को भेजा गया है जिसमें केन्द्रीय विद्युत् प्राधिकरण (सीईए) ने नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (आरएंडएम)/जीवन विस्तार (एलई) कार्यों के लिए संभावित प्रत्याशियों के रूप में ~38150 मेगावाट की कुल क्षमता वाली 148 थर्मल इकाइयों की पहचान की है। इन 148 इकाइयों में आर एंड एम/एलई के कार्यान्वयन के लिए चरणबद्ध योजना भी केंद्रीय, राज्य और निजी विद्युत् उपयोगिताओं के परामर्श से तैयार की गई थी। उत्पादन एक गैर-लाइसेंसीकृत गतिविधि है, इसलिए, लागत लाभ विश्लेषण के बाद राज्य विद्युत नियामक आयोगों की स्वीकृति के साथ यह उपयोगिताओं को यह निर्णय करना है कि उन्हें आर एंड एम/एलई गतिविधियों को पूरा करना है अथवा नहीं।
जल (हाइड्रो) विद्युत संयंत्रों के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (आरएंडएम)/उन्नयन (अपग्रेडेशन) के संबंध में, यह उल्लेख किया गया है कि जल विद्युत संयंत्र का मानक परिचालन जीवन 40 वर्ष है। वर्तमान पनबिजली संयंत्रों के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (आरएंडएम) का निर्णय संबंधित राज्य और केंद्रीय विद्युत उपयोगिताओं द्वारा अवशिष्ट जीवन मूल्यांकन (रेजिडुअल लाइफ एक्स्पेक्टेंसी-आरएलए) अध्ययन और लागत प्रभावशीलता के माध्यम से मशीन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया जाता है।
दक्षता में सुधार, बेहतर उपलब्धता और क्षमता में वृद्धि के माध्यम से ऊर्जा संसाधनों के अनुकूलन के लिए लागत प्रभावी विकल्प के रूप में नवीकरण और आधुनिकीकरण (आरएंडएम) /उन्नयन कार्य एक सतत अभ्यास है। इस प्रयोजन के लिए, सरकार नवीकरण, आधुनिकीकरण, उन्नयन और जीवन विस्तार के दौर से गुजर रही जलविद्युत परियोजनाओं की निरंतर निगरानी के लिए 5 साल की योजना बनाती है। ~11718 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाले 64 जल विद्युत् (हाइड्रो इलेक्ट्रिक) संयंत्रों (एचईपी) में नवीनीकरण, आधुनिकीकरण, उन्नयन और जीवन विस्तार के कार्य को वर्ष 2022-27 के दौरान पूरा करने के लिए तैयार (प्रोग्राम) किया गया है। इसके अलावा, ~2879 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाले 21 हाइड्रो इलेक्ट्रिक संयंत्रों (एचईपी) में नवीनीकरण, आधुनिकीकरण, उन्नयन (अपग्रेडिंग) और जीवन विस्तार (लाइफ एक्सटेंशन) कार्यों को लाइफ एक्सटेंशन और अपग्रेडिंग के माध्यम से 2027-32 के दौरान पूरा करने के लिए तैयार (प्रोग्राम) किया गया है।