बिजली की बढ़ती मांग और उत्पादन क्षमता के अनुरूप
राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड की क्षमता का लगातार विस्तार किया जा रहा है: केंद्रीय विद्युत व नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री
केंद्रीय विद्युत व नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने पिछले पांच वर्षों में देश में स्थापित ट्रांसमिशन लाइनों (220केवी और इससे अधिक) के संबंध में लक्ष्य और उपलब्धि का विवरण दिया है:
साल | लक्षित विद्युत लाइन | वास्तविक विद्युत लाइन |
2018-19 | 22,647 | 22,437 |
2019-20 | 23,621 | 11,664 |
2020-21 | 15,791 | 16,750 |
2021-22 | 19,255 | 14,895 |
2022-23 | 14,581 | 14,625 |
2023-24 (23 अक्टूबर तक) | 11,420 | 7,026 |
कुल | 1,07,315 | 87,397 |
बिजली की लगातार बढ़ती मांग और उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी के अनुरूप राष्ट्रीय ग्रिड की क्षमता का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। देश में हर साल औसतन लगभग 16,000 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें और 75,000 एमवीए ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता (220 केवी और इससे अधिक वोल्टेज स्तर) जोड़ी जा रही हैं।
31 अक्टूबर, 2023 तक भारतीय ग्रिड के अधीन लगभग 179 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (पनबिजली सहित) स्थापित है। इसका विवरण नीचे दिया गया है:
श्रेणी | स्थापित क्षमता (मेगावाट में) |
सौर | 72,018 |
जल विद्युत | 51,837 |
पवन | 44,292 |
बायोमास | 10,262 |
अन्य | 573 |
कुल | 1,78,982 |
राष्ट्रीय ग्रिड मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता से प्राप्त विद्युत को समायोजित करने में पूरी तरह सक्षम है।
यह जानकारी 5 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय ऊर्जा व नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।