प्रधानमंत्री ने तीन दशकों की अनिश्चितता, अस्थिरता और राजनीतिक मजबूरियों के बाद एक मजबूत और स्थिर सरकार बनाने के लिए देशवासियों को बधाई दी
77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से 140 करोड़ देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तीन दशकों की अनिश्चितता, अस्थिरता और राजनीतिक मजबूरियों के बाद एक मजबूत और स्थिर सरकार बनाने के लिए देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज देश में एक ऐसी सरकार है जो देश के संतुलित विकास के लिए, सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाय के लिए, समय का एक-एक क्षण और जनता के धन की एक-एक पाई समर्पित कर रही है।
गौरवांवित महसूस करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सिर्फ एक मानदंड यानी ‘राष्ट्र प्रथम’ से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया हर निर्णय इसी दिशा में है। श्री मोदी ने नौकरशाही को अपने हाथ और पैर बताया, जो भारत के हर कोने में काम कर रहे हैं और परिवर्तन ला रहे है।’ और इसीलिए ‘सुधार, प्रदर्शन, परिवर्तन’ का यह दौर अब भारत के भविष्य को आकार दे रहा है और हम देश के अंदर उन ताकतों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो आने वाले हजारों वर्षों की नींव को मजबूत करने वाली हैं।
संतुलित विकास के लिए नये मंत्रालय बनाये गये
प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में नए मंत्रालय बनाकर देश में संतुलित विकास की दिशा में सरकार की पहल के बारे में विस्तार से बात की। श्री मोदी ने कहा कि दुनिया को युवा शक्ति की जरूरत है, युवाओं को कौशल की जरूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि कौशल विकास के लिए नया मंत्रालय न केवल भारत की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि दुनिया की जरूरतों को भी पूरा करेगा।
श्री मोदी ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय यह सुनिश्चित करने पर जोर दे रहा है कि हमारे देश के प्रत्येक नागरिक तक शुद्ध पेयजल पहुंचे। उन्होंने कहा, “उन्होंने कहा, ‘हम पर्यावरण की रक्षा के लिए संवेदनशील प्रणालियों के विकास पर जोर देने के साथ इन पर ध्यान केन्द्रित भी कर रहे हैं।” कोरोना महामारी के कठिन और अंधकार भरे समय में भारत ने कैसे रोशनी दिखाई, इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अलग आयुष मंत्रालय बनाया और आज योग और आयुष दुनिया में धूम मचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा कोरोना पर काबू पाने के बाद दुनिया समग्र स्वास्थ्य देखभाल की तलाश कर रही है, जो समय की मांग है।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी के लिए अलग मंत्रालय का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें सरकार और देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदानकर्ता और स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि नया मंत्रालय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है ताकि समाज और उस वर्ग का कोई भी व्यक्ति सरकार द्वारा घोषित लाभों का लाभ उठाने से पीछे न रहे।
श्री मोदी ने सहकारिता आंदोलन को समाज की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि नव निर्मित सहकारिता मंत्रालय सहकारी संस्थाओं के माध्यम से अपना नेटवर्क फैला रहा है ताकि गरीब से गरीब लोगों की बात सुनी जा सके और उनकी जरूरतें पूरी की जा सकें। मंत्रालय उन्हें एक छोटी इकाई का हिस्सा बनकर देश के विकास में संगठित तरीके से योगदान देने की सुविधा दे रहा है। उन्होंने कहा, “हमने सहयोग के माध्यम से समृद्धि का रास्ता अपनाया है।”