दंत चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा मानकों को बेहतर करने के लिए राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 संसद में पारित
स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को बेहतर करने और दंत चिकित्सा शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत संसद ने राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 को पारित कर दिया है। यह ऐतिहासिक कानून अपने नागरिकों के लिए दंत चिकित्सा सेवा के सबसे ऊंचे मानक सुनिश्चित करने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग अधिनियम 2023 देश में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग (एनडीसी) की स्थापना करते हुए एक अभूतपूर्व नियामकीय ढांचा उपलब्ध कराएगा जो मौजूदा भारतीय दंत चिकित्सा परिषद (डीसीआई) की जगह लेगा और दंत चिकित्सक विधेयक, 1948 को निरस्त कर देगा। इस कानून के तहत दंत चिकित्सा शिक्षा एवं पेशे के पूरे परिवेश को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करने की परिकल्पना की गई है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
1. राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग और राज्य दंत चिकित्सा परिषदों का गठन: यह अधिनियम राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना करता है और राज्य दंत चिकित्सा परिषदों अथवा संयुक्त दंत चिकित्सा परिषदों के गठन का आदेश देता है। इस ढांचे का उद्देश्य प्राधिकरण का विकेंद्रीकरण करना और प्रभावी विनियमन को बेहतर करना है।
2. तीन स्वायत्त बोर्ड: अधिनियम तीन अलग-अलग स्वायत्त बोर्डों:- स्नातक एवं स्नातकोत्तर दंत चिकित्सा बोर्ड, दंत चिकित्सा आकलन एवं रेटिंग बोर्ड (डीएआरबी) और आचार संहिता एवं दंत चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड (ईडीआरबी) को सशक्त करेगा। ये बोर्ड व्यापक नियामकीय ढांचे में योगदान करते हुए विशिष्ट कार्यों को निपटाएंगे।
3. निर्धारित कार्यकाल एवं पेशेवर विकास: यह कानून आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों और सचिव के लिए एक निश्चित कार्यकाल निर्धारित करेगा, जिसमें दोबारा नियुक्ति की कोई गुंजाइश नहीं होगी। एनडीसी प्रोत्साहन और निवारक दंत चिकित्सा सेवाओं पर जोर देगा और बेहतर करियर के लिए दंत चिकित्सकों एवं दंत चिकित्सा सहायकों के लिए आवश्यक कौशल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
4. उद्योग के साथ सहयोग एवं तकनीकी नवाचार: सहयोग एवं शोध के महत्व पर जोर देते हुए यह कानून दंत चिकित्सा क्षेत्र के अनुसंधान में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उद्योग और संस्थानों के साथ साझेदारी को प्रोत्साहित करेगा। यह दंत चिकित्सा शिक्षा में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को शामिल करने पर भी जोर देता है।
5. ऑनलाइन राष्ट्रीय पंजीकरण एवं दंत चिकित्सा सलाहकार परिषद: यहअधिनियम लाइसेंस प्राप्त दंत चिकित्सकों और दंत चिकित्सा सहायकों का एक ऑनलाइन एवं लाइव राष्ट्रीय रजिस्टर बनाने का प्रावधान करेगा। इसके अलावा, यह सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के साथ एक दंत चिकित्सा सलाहकार परिषद स्थापित करने का प्रावधान करता है ताकि व्यापक अंतर्दृष्टि एवं मार्गदर्शन सुनिश्चित हो सके।
6. योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया: इस कानून के तहत एनडीसी का नेतृत्व एक ‘चयनित’ नियामक द्वारा किया जाएगा। इसमें कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली एक खोज सह-समिति द्वारा योग्यता के आधार पर चयन के लिए उपयुक्त प्रक्रिया अपनाएगी। इसमें एनडीसी के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति शामिल है।
7. सहयोगात्मक दृष्टिकोण: यह अधिनियम चिकित्सा आयोग, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, इंडियन नर्सिंग काउंसिल, भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग, होम्योपैथी के लिए राष्ट्रीय आयोग और संबद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय के लिए राष्ट्रीय आयोग जैसे संबंधित वैधानिक निकायों के साथ संयुक्त बैठक की सुविधा प्रदान करेगा।
8. शुल्क विनियमन और संविधान: यह कानून निजी दंत चिकित्सा कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में पचास प्रतिशत सीटों के लिए शुल्क निर्धारित करने संबंधी दिशा-निर्देश तैयार करने का अधिकार भी आयोग को देगा। इसके अलावा, इस कानून के लागू होने के एक साल के अंदर सभी राज्य सरकारें राज्य दंत चिकित्सा परिषद अथवा संयुक्त दंत चिकित्सा परिषद की स्थापना करेंगी।
राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग अधिनियम 2023 दंत चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण नियामकीय सुधार करने के लिए तैयार है। यह जनता के हितों की रक्षा के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और व्यावसायिकता सुनिश्चित करने की वकालत करता है। यह आयोग खाने वाली सस्ती दवाओं के साथ स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता और भारतीय दंत चिकित्सा पेशेवरों की वैश्विक स्तर पर रोजगार क्षमता को बढ़ाते हुए घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दंत चिकित्सा सेवा मानकों को बेहतर करने के लिए तैयार है।