पारस्परिक समझौता
अमरीकी पोतशालाओं में भारतीय जहाजों की मरम्मत की अनुमति देने के लिए अभी न तो कोई पारस्परिक समझौता अस्तित्व में है और न ही बातचीत में है। हालांकि, अमरीकी नौसेना के पोतों की मरम्मत के लिए लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) शिपयार्ड कट्टुपल्ली और अमरीका के बीच 4 अप्रैल, 2023 को एक मास्टर शिपयार्ड मरम्मत समझौते (एमएसआरए) पर हस्ताक्षर किए गए थे। मेसर्स मझगांव डॉक्स लिमिटेड और मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ एमएसआरए एक उच्च श्रेणी के चरण में है। एमएसआरए अमरीकी नौसेना के लिए जहाज मरम्मत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक पोतशाला को योग्य बनाता है। एमएसआरए में सुरक्षा, भुगतान, देनदारियां आदि से संबंधित खंड शामिल हैं। समझौते की समीक्षा हर पांच साल में या आवश्यकतानुसार की जाती है।
इन जहाजों की मरम्मत का कार्य भारतीय जहाज निर्माताओं के व्यावसायिक हित को पूरा करता है और संभवतः इससे इसी तरह के और अवसर पैदा होंगे। एक अमरीकी नौसेना जहाज को उसकी मरम्मत की अवधि के लिए एक भारतीय पोतशाला में रखा जाएगा।
यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने आज लोकसभा में श्री कॉस्मे फ्रांसिस्को कैटानो सार्डिन्हा को एक लिखित उत्तर में दी।