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भारतीय रेल की तरफ से रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ करने के सभी मामलों में उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है

10 फरवरी 2025 को, कुछ अनियंत्रित (हुड़दंगी) यात्रियों ने मधुबनी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन संख्या 12561 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (एक्स. जयनगर- नई दिल्ली) के एसी कोच की 73 कांच की खिड़कियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे रेल यात्रियों में दहशत और अराजकता का माहौल बन गया। उपद्रवियों ने मधुबनी में कोई आरपीएफ या जीआरपी की चौकी नहीं होने का फायदा उठाया। रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद उपद्रवी भाग गए।

बर्बरता की इस घटना में, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), पूर्व मध्य रेलवे ने आरपीएफ चौकी/दरभंगा में अपराध संख्या 168/2025 को ध्यान में रखकर रेलवे अधिनियम की धारा 145 (बी), 146, 153 और 174 (ए) के तहत मामला दर्ज करके त्वरित कार्रवाई की। अपराधियों की पहचान करने और उन्हें सजा देने के लिए आरपीएफ की एक विशेष टीम गठित की गई।

विशेष टीम ने जांच के दौरान, सूत्रों से तथा तकनीकी साक्ष्यों के माध्यम से जानकारी एकत्रित की गई, जिसके परिणामस्वरूप घटना में शामिल पाए गए एक किशोर की पहचान की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है और पछतावा व्यक्त किया है। तोड़फोड़ की अन्य समान घटनाओं में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए इस मामले की जांच सक्रिय रूप से चल रही है। आरपीएफ रेलवे संपत्ति में तोड़फोड़ करने/नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

रेलवे की संपत्ति राष्ट्रीय संपत्ति है और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का कोई भी कृत्य अवैध है। आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार और जीआरपी अधिकारियों के साथ समन्वय में आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की है।

यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ आरपीएफ ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। हम जनता से आग्रह करते हैं कि वे गैरकानूनी गतिविधियों और ऐसे कार्यों में शामिल होने से बचें जो सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।

रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 153 के अनुसार, जो कोई भी रेलवे पर यात्रा करने वाले किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरे में डालता है, उसे पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इसमें रेल के डिब्बों को बाधित करना या बाधित करने का प्रयास करना शामिल है। रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 174 (ए) में ट्रेन या अन्य रेल के डिब्बों (रोलिंग स्टॉक) को बाधित करने का अपराध शामिल है। धारा 174 (ए) के तहत अपराध के लिए दो साल तक की कैद, दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

Wcnews7.in Abhimanyu

Working continuously in the media sector for the last 15 years, by regularly covering the news of various departments of local and regional, national and international government and non-governmental social organizations, creating a separate identity in the media sector, creating a separate identity for my mother in print media and online media. I am playing a role in which special attention is given to criminal news, crime news, as well as news related to human rights and justice against injustice, have done and are doing all ditel Jion us 78787-29517 Thanks again for Abhimanyu Chief In Editor And Editor Rajlaxmi Bathra

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