चेक पोस्ट खत्म होने के बावजूद अस्थाई चौकी वाहन चेकिंग के दौरान यातायात सुरक्षा गार्ड की दर्दनाक मौत का जिम्मेदार कौन?
यातायत विभाग के सुरक्षा गार्ड की मौत पर खड़े होते सवाल
*वाहन चेकिंग के दौरान हुए हादसे का जिम्मेदार कौन ?*
निंबाहेड़ा । राजस्थान से मध्य प्रदेश जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर निंबाहेड़ा के जलियां चेक पोस्ट से आगे 28 दिसंबर को शाम करीब 7 बजे यातायात विभाग चित्तौड़गढ़ के उड़न दस्ते द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान हुए हादसे में अनुबंधित सुरक्षा गार्ड उदय सिंह पिता धन लाल गुर्जर को नीमच की ओर से आ रहे ट्रेलर ने टक्कर मार दी जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी।
उदय सिंह की मौत पर कई सवाल खड़े होते दिखाई दे रहे हैं साथ ही आमजन यह सोचने पर मजबूर है कि आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है तथा किसकी लापरवाही से गार्ड की मृत्यु हुई।
आखिर यातायात विभाग की ऐसी क्या मजबूरी है कि चेक पोस्ट खत्म होने के बावजूद अस्थाई चेक पोस्ट लगाकर वाहन चेकिंग कर वाहनों से जुर्माना राशि वसूली जा रही है जबकि नियमानुसार उड़नदस्ते द्वारा मार्ग पर यहां वहां भ्रमण करते हुए वाहनों की चेकिंग की जाने के प्रावधान होने की जानकारी सूत्रों से मिली है ।
अस्थाई चेक पोस्ट की तर्ज पर रात के अँधेरे में वाहनों की चेकिंग तथा हादसे को लेकर जी डी विश्वकर्मा प्रादेशिक परिवहन अधिकारी चित्तौड़गढ़ से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वाहन चेकिंग के लिए उड़न दस्तों की 24 घंटे ड्यूटी रहती है इसलिए रात्रि में भी वाहनों की चेकिंग कराई जाती है वाहन चेकिंग के लिए बड़ी मुश्किल से किसी स्थान का चयन होता है। अंधेरे में वाहन चेकिंग पर उन्होंने कहा कि किसी समुचित स्थान जहां पर पार्किंग, नाप तोल करने, रोशनी आदि की सुविधा हो ऐसी जगह के लिए सरकार को कई बार अवगत कराया है ।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ने तो हादसे पर अपना बयान दे दिया लेकिन उपरोक्त मामले में परिवहन निरीक्षक हेमंत सैनी द्वारा कोतवाली थाने में दी गई रिपोर्ट व मौके पर वाहन चेकिंग कारवाई के दौरान हुई मोत पर कई सवाल खड़े होते दिखाई दे रहे हैं।
*सवाल जो खड़े हो रहे हैं –*
थाने में दी रिपोर्ट में परिवहन निरीक्षक ने मृतक को अनुबंध वाहन चालक बताया जो उनके द्वारा रुकाये गए एक ट्रेलर नंबर आरजे 01 जीसी 8446 को सुरक्षा गार्ड दलेल सिंह गुर्जर व उदय सिंह गुर्जर द्वारा उक्त ट्रेलर के कागजात आदि दिखाने के लिए कहा गया जिस पर उक्त ट्रेलर चालक द्वारा गार्ड को कागजात नहीं दिखाकर आवेश में आकर दोनों सुरक्षा गार्ड्स की बात को अनसुनी कर मौके से भागने का प्रयास किया जिसे सुरक्षा गार्ड उदय सिंह गुर्जर द्वारा ट्रेलर की ड्राइवर साइड पर जाकर ट्रेलर चालक को समझाईश कर ट्रेलर के कागजात दिखाने हेतु कहा गया तभी ट्रेलर चालक द्वारा अचानक आक्रोशित मुद्रा में हो ड्राइवर साइड की फाटक को जोर से खोला जिससे उदय सिह का संतुलन बिगड़ गया तभी पीछे से एक अन्य ट्रेलर नंबर आरजे 06 जीबी 7877 का चालक ट्रेलर को तेज गति एवं गफलत लापरवाही पूर्वक चलाता हुआ लेकर आया जिसे मेरे द्वारा हाथ का इशारा देकर रुकवाने का प्रयास किया मगर उक्त ट्रेलर चालक द्वारा ट्रेलर को नहीं रोक आगे खड़ी ट्रेलर नंबर आरजे 01 जीसी 8446 के ड्राइवर साइड फाटक पर असंतुलित होकर जमीन पर उतरे उदय सिह गुर्जर के जोरदार टक्कर मारकर मौके से भाग गया जिस उदय सिह गुर्जर की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
अब इसमें एक सवाल यह खड़ा होता है कि जब मृतक चालक के रूप में ड्यूटी पर था तो उसे वाहन के कागजात दिखाने के लिए क्यों भेजा वही दूसरा सवाल यह खड़ा होता है कि जब वाहन चालक ने भागने का प्रयास किया तो परिवहन निरीक्षक द्वारा उसे रुकवाने का प्रयास क्यों किया जबकि वह चाहते तो चालक द्वारा वाहन को भगा ले जाने के उपरांत भी उस वाहन का चालान बना सकते थे। तीसरा सवाल यह की दोनों भागे हुए वाहनों के नंबर होने के उपरांत भी वाहन को पकड़वाने के लिए थाने में सूचना देकर नाकाबंदी क्यों नहीं करवाई साथ ही वाहनों को रोकने के लिए पीछा क्यों नहीं किया क्योंकि कुछ ही दूरी पर आगे टोल नाका था जहां पर यदि यह प्रयास करते तो दोनों वहां पकड़ में आ जाते लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि हादसे से घबराकर अधिकारी मौके से फरार हो गए।
चौथा सवाल क्या यातायात विभाग ने जान जोखिम में डालकर वाहनों की चेकिंग कर राजस्व वसूलने के दिशा निर्देश दे रखे हैं यदि नहीं तो फिर वाहनों चेकिंग में इतनी सख्ती किस लिए यदि चेकिंग के दौरान कोई वाहन परिवहन निरीक्षक द्वारा रुकवाने पर भी नहीं रुकता उसका चालान परिवहन निरीक्षक द्वारा बनाया जा सकता है तो फिर वाहन रुकवाने के लिए इतनी कसमकस क्यों।
इन सवालों से यह प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं वाहन चेकिंग के दौरान उड़न दस्तों पर अवैध वसूली के जो आरोप लगते आए हैं उनमें कुछ सत्यता है।
भले ही परिवहन निरीक्षक द्वारा मामले में दोनों वाहनों का हवाला देते हुए प्रकरण दर्ज कराकर इति श्री कर ली लेकिन उपरोक्त सवाल यातायात विभाग के द्वारा की जा रही वाहन चेकिंग कार्रवाई को संदेह के घेरे में खड़ा कर रहे हैं।
अवैध वसूली के आरोप कई जगह बंटती है वसूली राशि
यातायात विभाग द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान वाहनों से अवैध राशि वसूलने के आरोप हमेशा से लगते आए हैं संभवतया यहां पर भी वाहन चेकिंग के दौरान अवैध वसूली की जाती है सूत्र बताते हैं कि वसूली गई अवैध राशि कई जगहों पर बंटती है और जलीया चेक पोस्ट पर की जाने वाली अवैध वसूली में से पंचायत क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि को भी कुछ राशि पहुंचाई जाती है।
अवैध वसूली की जानकारी सरकार तथा यातायात विभाग के उच्च अधिकारियों व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो सहित कई नेताओं को होने के बावजूद भी अवैध वसूली पर लगाम नहीं लग पाना यह इशारा करता है कि कहीं ना कहीं जिम्मेदारों की गुप्त सहमति इसमें जरूर है।