मौसम पूर्वानुमान एवं आपदा प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भागीदारी
भारतीय मौसमविज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आरए II क्षेत्र में चक्रवात से संबंधित चेतावनी साझा करने और स्थान विशिष्ट पर वर्षा के पूर्वानुमान के लिए तत्काल प्रसार की तकनीक के विकास के लिए सितंबर-2021 में गूगल एशिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
उपरोक्त के अतिरिक्त,
- कृषि सेवाओं से संबंधित पूर्वानुमान और चेतावनी संदेशों के प्रसार के लिए, भारतीय मौसम विज्ञान में सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रचलन में है।
- स्वदेशी रडार के विकास के लिए विभाग द्वारा निजी क्षेत्र से सहयोग लिया जाता है।
- आंधी और बिजली से संबंधित मौसम सेवाओं के लिए, आईएमडी क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (सीआरओपीसी) के साथ मिलकर काम कर रहा है।
- विभिन्न मौसम संबंधी एप्लीकेशनों और सेवाओं के विकास में सहायता प्रदान करने के लिए, भारतीय स्टार्टअप्स से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
“बैरोमीटरिक प्रेशर सेंसर और इन्सैट संचार के साथ सैटेलाइट ट्रैक्ड लैग्रेंजियन ड्रिफ्टर” को राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ स्वदेशीकृत किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) आवश्यकतानुसार इसकी खरीद इकाई है। आईएमडी ने बेहतर सटीकता के साथ ऊपरी हवा का डेटा प्राप्त करने के लिए पुराने ऑप्टिकल, ओडोलाइट-आधारित पायलट बैलून सिस्टम को नवीनतम जीपीएस-आधारित पायलटसोंडे सिस्टम के साथ बदलने की संभावना का पता लगाया है। यह तकनीक डेटा के नुकसान को कम करने और मौसम पूर्वानुमान सेवाओं को और बेहतर बनाने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, देश में निर्मित कई अवलोकन संबंधी उपकरण (जैसे डॉपलर मौसम रडार, स्वचालित वर्षा गेज आदि) सरकार की मेक इन इंडिया नीति का समर्थन करने के लिए जरूरत के आधार पर खरीदे जाते हैं। यह जानकारी केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।