सूचना अधिकार अधिनियम एवं पालिका एक्ट की उडी धज्जियां
नगरपालिका अधिकारी नहीं मानते सरकार के नियम
सहकारिता मंत्री आंजना के दावों, को पलीता लगा रही नगरपालिका
दो साल से 5 आवेदन लेकर 4 बार फोटोकॉपी कराने के बावजूद नहीं दी सूचना
संबंधित कर्मचारी कहते है कि उपर वालों ने मना कर दिया है
उपरवाले कौन? पालिका अध्यक्ष या मंत्री आंजना ?
मामला जुडा है पालिका अध्यक्ष के रिश्तेदारों से तो क्या रिश्तेदारी निभाई जा रही है
निम्बाहेडा/ नगरपालिका के अधिकारी राज्य सरकार के नियमों को नहीं मानते हुए नियम कानून कायदों की धज्जियां उडाने में कोई भी कोताही नहीं बरते हुए पारदर्शिता एवं इमानदारी से काम करने के सहकारिता मंत्री आंजना के दावों को पलीता लगा रहे हैं। बेईमानी और भ्रष्टाचार के मामलों में आकंठ डूबी नगरपालिका के पदाधिकारी और ईओ राज्य सरकार के नियमों को नहीं मानते हुए लगभग दो साल से सूचना अधिकार के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं करवा रहे है जबकि इस बीच दो ईओ अन्यत्र स्थान्तरित हो चुके हैं और एक कर्मचारी रिटायर हो गया तो दूसरा दुनिया से विदा ले चुका है।
तत्कालीन ईओ मुकेश चौधरी के, कार्यकाल के दौरान पालिका से पालिका की भूमि पर अवैध अतिक्रमण करने के साथ आवासीय स्वीकृति पर व्यवसायिक गतिविधियों के संबंध में पालिका एक्ट के तहत सूचना मांगी गई जिस पर ईओ मुकेश चौधरी ने भूमि शाखा को निर्देश जारी किया जिस पर शाखा द्वारा फाईल की फोटो कॉपी करवाई गई इसी बीच चौधरी का स्थानांतरण हो गया और उनके स्थान पर अभिषेक शर्मा ने पदभार ग्रहण किया । 8 दिन तक सूचना नहीं मिलने पर शाखा प्रभारी बंशीलाल कुमावत से जानकारी मिली कि फाईल हस्ताक्षर हेतू ईओ सा. घर पर ले गए हैं। ईओ से मुलाकात करने पर पता चला कि उनके पास इस तरह की कोई फाईल नहीं आई है। जब ईओ ने कुमावत से आवेदन लाने को कहा तो पता चला कि आवेदन गायब हो चुका है तब ईओ शर्मा के कहने पर दूसरा आवेदन दिया जिस पर उन्होंने मार्क कर दिया कुछ दिन बाद बंशी कुमावत ने बताया कि आवेदन नहीं मिल रहा है न जाने कहां रखा गया है। तिस पर तीसरी बार फिर आवेदन लिया और शाखा के एक अन्य कर्मचारी हनीफ भाई ने जो अब दुनिया छोड़ चुके हैं ने कहा कि दो बार पहले भी फोटोकॉपी करवा चुका हूं जो हस्ताक्षर हेतू जाती है फिर वापस नहीं आती है। इसी बीच बंशीलाल कुमावत ने आश्वस्त करते हुए शुल्क रे रुप में 500 रुपये जमा करने हेतु लिए तीसरी बार फाईल की फोटोकॉपी हुई लेकिन वह भी गायब हो गई तब सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन दिया समय निकलने पर पालिका अध्यक्ष को अपील की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला इसी बीच कुमावत का रिटायरमेंट भी हो गया तथा ईओ भी बदल कर जिंदल ने पदभार ग्रहण कर लिया इनसे मिलने पर सारी कहानी बताई तब इन्होने विश्वास दिलाया कि जल्द ही सूचना उपलब्ध करा दी जाएगी। तथा कुमावत से जो पुनः संविदा पर लगे हैं 500/ वापस दिलाए चोथी बार फिर फोटोकॉपी हुई लेकिन फिर भी सूचना नहीं मिल सकी। कई बार ईओ साहब को कहा वो बडी मक्कारी से झूठे आश्वासन देते रहे फिर भूमि शाखा प्रभारी पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि आप रोज रोज परेशान न हो उपर से मना कर दिया है आपको सूचना नहीं मिल सकेगी अब समझ में नहीं आ, रहा है कि पालिका में ऊपरवाला कौन है पालिका अध्यक्ष या सहकारिता मंत्री आंजना? या कोई और है?
तो यह कहानी है कथित मान्यवरों की जो जबरन ही पारदर्शिता और ईमानदारी के ढोंग में छुपी मक्कारी की जो बेईमानों को बचाने के लिए लगे हुए हैं।
साभार:- किरणों की किरण
(सुरेश बोहरा)