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अनुसूचित क्षेत्रों में अस्पतालों पर अपडेट

व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (सीपीएचसी) प्रदान करने के लिए मौजूदा एसएचसी और पीएचसी को अपग्रेड करके भारत में 1,62,991 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) का संचालन किया गया है।

30.11.2023 तक, भारत में कुल 1,62,991 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) {पूर्ववर्ती आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)] व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (सीपीएचसी) प्रदान करने के लिए मौजूदा एसएचसी और पीएचसी को अपग्रेड करके संचालित किया गया है, जिसमें निवारक, प्रोत्साहक, उपचारात्मक, उपशामक और पुनर्वास सेवाएं शामिल हैं जो सार्वभौमिक, मुफ्त और समुदाय के करीब हैं।.

पंद्रहवें वित्त आयोग (एफसी-XV) ने स्वास्थ्य क्षेत्र के विशिष्ट घटकों के लिए स्थानीय सरकारों के माध्यम से 70,051 करोड़ रुपये के अनुदान की सिफारिश की है और इसे केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। स्थानीय सरकारों के माध्यम से स्वास्थ्य के लिए ये अनुदान वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक पांच साल की अवधि में दिए जाएंगे और जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की सुविधा प्रदान करेंगे।.

पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 64,180 करोड़ रुपये की राशि से  शुरू किया गया था। पीएम-एबीएचआईएम के तहत उपाय प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक सभी स्तरों पर देखभाल की निरंतरता में स्वास्थ्य प्रणालियों और संस्थानों की क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ताकि वर्तमान और भविष्य की महामारियों / आपदाओं का प्रभावी ढंग से जवाब देने में स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार किया जा सके। पांचवीं अनुसूची और छठी अनुसूची क्षेत्रों के जिलों में स्थापित अस्पतालों का विवरण निम्नलिखित लिंक पर देखा जा सकता है:

आरएचएस 2017-18 के लिए: https://hmis.mohfw.gov.in/downloadfile?filepath=publications/Rural-Health-Statistics/RHS%202017-18.pdf

आरएचएस 2021-22 के लिए: https://hmis.mohfw.gov.in/downloadfile?filepath=publications/Rural-Health-Statistics/RHS%202021-22.pdf

जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया, कुपोषण, मलेरिया, क्षय रोग आदि जैसे फैलने वाले रोगों की व्याप्तता अधिक है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे अनेक कार्यक्रमों में से जनजातीय क्षेत्रों में चल रहे कुछ उल्लेखनीय कार्यक्रम राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी), राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीवीबीडीसी), राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीएचसीपी), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) हैं। सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन और कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस)).

ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी (आरएचएस) एक वार्षिक प्रकाशन है, जो राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा सूचित स्वास्थ्य देखभाल प्रशासनिक आंकड़ों पर आधारित है। ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत उप-केंद्रों, पीएचसी, सीएचसी, उप-विभागीय अस्पताल, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों की राज्य/केंद्रशासित प्रदेश-वार संख्या और उनमें मानव संसाधनों का विवरण आरएचएस 2021-22 के निम्नलिखित लिंक https://hmis.mohfw.gov.in/downloadfile?filepath=publications/Rural-Health-Statistics/RHS%202021-22.pdf पर देखा जा सकता

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में समान, सस्ती  और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच की उपलब्धि की परिकल्पना की गई है जो लोगों की आवश्यकताओं के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी हों। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं (पीआईपी) के रूप में प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। भारत सरकार मानदंडों और उपलब्ध संसाधनों के अनुसार कार्यवाही रिकॉर्ड (आरओपी) के रूप में प्रस्तावों के लिए अनुमोदन प्रदान करती है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज लोकसभा में यह जानकारी दी।

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