प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर नागरिकों के जीवन को बदलने में भारत को मिली सफलता एक केस स्टडी है: श्री राजीव चंद्रशेखर
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने विश्व बैंक डिजिटल अर्थव्यवस्था सम्मेलन 2023 को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिकों के जीवन को जिस तरह से प्रौद्योगिकी की मदद से बदला गया है, भारत को मिली यह सफलता एक केस स्टडी है। उन्होंने पिछले 9 वर्षों में डिजिटल इंडिया के जरिए हासिल मील के पत्थर की बात की, जिसने 2026 तक पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में देश को तेजी से आगे बढ़ाया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘2015 में डिजिटल इंडिया का शुभारंभ कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तीन व्यापक लक्ष्यों के जरिए ऐसी अपेक्षाएं की, जो पहले नहीं देखी गईं- प्रौद्योगिकी के जरिए नागरिकों के जीवन में सुधार आना चाहिए, इसका शासन और लोकतंत्र पर प्रभाव दिखे और एक नवाचार अर्थव्यवस्था का निर्माण एवं विस्तार हो। पिछले 9 वर्षों से अधिक समय में भारत ने महज एक मूकदर्शक और प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता बनने की बजाय प्रौद्योगिकियों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है।’
श्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण ने अनौपचारिक क्षेत्रों के औपचारीकरण की सुविधा प्रदान की है, जो अब डिजिटल भुगतान और माइक्रो-क्रेडिट का उपयोग करते हैं। ये सेवाएं जो इंडिया स्टैक का हिस्सा हैं, अब उन देशों को दी जा रही हैं जो डिजिटल सुशान के इच्छुक हैं।
मंत्री ने आगे कहा, ‘सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण ने अनौपचारिक क्षेत्रों के औपचारीकरण की सुविधा दी है, जैसे फेरीवाले (स्ट्रीट वेंडर्स) अब डिजिटल भुगतान और माइक्रो-क्रेडिट का लाभ ले उठा रहे हैं। यूपीआई और आधार जैसी पहलों के साथ इंडिया स्टैक द्वारा लाए गए इस बदलाव ने न केवल सुशासन में सुधार किया बल्कि एक जीवंत नवाचार इकोसिस्टम भी तैयार किया। जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रौद्योगिकी के प्रयोग की भारत की सफल पहल ने दूसरे देशों में अपनी अर्थव्यवस्थाओं और शासन को डिजिटल बनाने में रुचि पैदा की है। अपने नवीन इकोसिस्टम के जरिए इंडिया स्टैक को इन देशों के साथ साझेदारी के रूप में पेश किया जा रहा है।’
विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैसे सरकार को निष्क्रिय शासन से निकालकर इस स्थिति में लाया गया, पहले दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक संसाधनों का वितरण नहीं हो पाता था।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रतिभाशाली लोगों के साथ एक तकनीकी कुशल देश होने के बावजूद कई वर्षों तक भारत को लेकर धारणा एक निष्क्रिय गवर्नेंस की बनी रही, जो लोगों तक पहुंचने में विफल थी। इसने शासन में भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को सामने रखा। हालांकि 2015 में डिजिटल इंडिया की शुरुआत के साथ ही प्रौद्योगिकी की अपेक्षाओं और परिणाम का एक तंत्र पेश किया गया। इससे युवा भारतीयों की पूरी नई पीढ़ी का आत्मविश्वास काफी बढ़ा है।