एमएसएमई में महिलाओं की भागीदारी
महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन करता है। मंत्रालय प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का कार्यान्वयन करता है, जो एक प्रमुख क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और ग्रामीण/शहरी बेरोजगार युवाओं की सहायता के जरिए गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करते हुए स्व-रोज़गार के अवसरों का सृजन करना है। महिला उद्यमियों को अधिकतम सब्सिडी प्रदान की जाती है। कॉयर उद्योग में महिला कॉयर योजना के अंतर्गत मंत्रालय की ओर से महिला कारीगरों के लिए वृत्तिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है और उन्हें पीएमईजीपी का लाभ उठाकर स्वयं के सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई), पात्र सदस्य ऋण संस्थानों द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों को विस्तारित बिना कुछ गिरवी रखे ऋण और/या तृतीय पक्ष गारंटी मुक्त ऋण सुविधाओं के लिए गारंटी कवर प्रदान करता है। सीजीटीएमएसई ने महिला उद्यमियों के लिए ऋण गारंटी कवरेज की सीमा को 85 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। महिला उद्यमियों को अतिरिक्त रियायत के रूप में सीजीटीएमएसई ने वार्षिक गारंटी शुल्क में 10 प्रतिशत तक की कमी की है। सार्वजनिक खरीद नीति में संशोधन के जरिए सरकार ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपनी वार्षिक खरीद का कम से कम 3 प्रतिशत महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म और लघु उद्यमों से खरीदने के लिए अधिदेशित किया है। मंत्रालय एसएमई के संवर्धन और विकास के लिए कई अन्य योजनाएं भी लागू करता है, जिनमें महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई अर्थात सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी), टूल रूम और प्रौद्योगिकी केंद्र, पारंपरिक उद्योगों के पुनर्जनन हेतु निधि योजना (स्फूर्ति)), खरीद और विपणन सहायता (पीएमएस) योजना, उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसडीपी) शामिल हैं।
नीति आयोग द्वारा शुरू किया गया महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी) मौजूदा या भावी उद्यमियों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए अंतिम छोर तक सरकारी और गैर-सरकारी पहलों सहित सभी सूचनाओं के प्रसार की सुविधा प्रदान करता है। डब्ल्यूईपी का उद्देश्य सूचना विषमता को दूर करना और महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन देने में मदद करना है।
भारत सरकार की एक प्रमुख पहल अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), महिलाओं सहित सभी उद्यमियों के लिए अटल टिंकरिंग लैब्स, अटल इनक्यूबेशन सेंटर और अटल सामुदायिक इनोवेशन सेंटर के माध्यम से देश के युवाओं के बीच नवाचार को बढ़ावा देती है। सरकार ने भारत की स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मजबूत इको-सिस्टम बनाने के उद्देश्य से 2016 में स्टार्टअप इंडिया पहल भी शुरू की, जो हमारी आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाएगी, उद्यमशीलता का समर्थन करेगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों को सक्षम बनाएगी। यह, अन्य बातों के साथ-साथ, नीतियों और पहलों और सक्षम नेटवर्क के निर्माण के माध्यम से महिला उद्यमिता को मजबूत करने में सहायता करती है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्टार्ट अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम का उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने में मदद करना है।
देश और असम में 18.09.2015 से 30.06.2020 और 01.07.2020 से 27.07.2023 की अवधि के दौरान उद्यम आधार पोर्टल और उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकृत महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई का प्रतिशत अनुलग्नक में दिया गया है।
अनुलग्नक
देश और असम राज्य में 18.09.2015 से 30.06.2020 तक उद्यम आधार (यूएएम) पोर्टल और 01.07.2020 से 27.07.2023 तक उद्यम पंजीकरण पोर्टल (उद्यम) पर पंजीकृत महिला स्वामित्व वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का प्रतिशत।
अखिल भारतीय | महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई का प्रतिशत |
उद्यम (01.07.2020 से 27.07.2023) | 19.43 |
यूएएम (18.09.2015 से 30.06.2020) | 15.67 |
असम | |
उद्यम (01.07.2020 से 27.07.2023) | 2.14 |
यूएएम (18.09.2015 से 30.06.2020) | 0.34 |
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।