राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के बीच समन्वय
आपदा प्रबंधन का प्राथमिक दायित्व संबंधित राज्य सरकार का है। केंद्र सरकार, जहां भी आवश्यक होता है, गंभीर प्रकृति की प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में रसद और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्य सरकारों के प्रयासों के लिए सहायता प्रदान करती है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 44 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का गठन किया गया था। वर्तमान में, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 16 बटालियन कार्यरत हैं, जो आपदाओं के दौरान तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए देश में जोखिम प्रोफ़ाइल के अनुसार स्थित हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) खतरनाक आपदा स्थिति या आपदा के लिए विशेषज्ञ सहाता प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है।
आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय नीति के अनुसार, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का गठन और उन्हें सुसज्जित करने का काम संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों का है। केंद्र सरकार राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) जुटाने और उन्हें पर्याप्त आपदा राहत क्षमताओं से सुसज्जित करने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के साथ नियमित रूप से संपर्क करती रहती है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों की सुविधा के लिए उनके राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अनुरूप सुसज्जित करने के अनुरोध के साथ आपदा राहत उपकरणों की सूची भी उनके साथ साझा की है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के बीच उचित समन्वय और तालमेल के लिए और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और पुनर्वास की दिशा में कई गुना अधिक प्रभाव प्रदान करने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम इस प्रकार हैं:
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) सहित अन्य संबंधित हितधारकों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित करता है। सम्मेलन किसी भी आपदा की स्थिति में आपसी सहयोग/समन्वय के माध्यम से राहत क्षमताओं में सुधार के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर प्रदान करता है।
- गृह मंत्रालय (एमएचए) दक्षिण-पश्चिम मानसून से पहले आपदा या भविष्य की आपदा स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभाग के राहत आयुक्तों और सचिवों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित करता है।
- iii. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) नियमित रूप से राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और अन्य हितधारकों को सम्मिलित करते हुए मॉक ड्रिल/अभ्यास का आयोजन करता है। ये मॉक ड्रिल/अभ्यास राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के बीच प्रभावी समन्वय के लिए मंच प्रदान करते हैं।
- iv. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सामुदायिक क्षमता निर्माण और जन जागरूकता और तैयारी कार्यक्रमों में लगातार लगा हुआ है।
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की क्षमता निर्माण के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करता है। भारत सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) सहित अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नागपुर में एक उत्कृष्ट संस्थान यानी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) अकादमी की स्थापना की है। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) बटालियन विभिन्न आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रमों में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) कर्मियों को प्रशिक्षण भी दे रही है।
- vi. आपदा/संभावित आपदा स्थिति के मद्देनजर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) अधिकारी राज्य सरकारों/स्थानीय प्रशासन द्वारा आयोजित समन्वय बैठकों में भी भाग लेते हैं।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों को उनके राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के प्रशिक्षण, उपकरण और तैयारी के संबंध में परामर्श भी प्रदान करता है।
केंद्र सरकार ने अपने निरंतर प्रयासों से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तैयारियों में काफी सुधार किया है। विभिन्न स्तरों पर समन्वित प्रयासों से आपदा राहत व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है और देश में प्राकृतिक आपदाओं के कारण मानव जीवन की हानि में काफी कमी आई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने यह बात आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।