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स्मार्ट सिटी मिशन का कार्यान्वयन

भारत सरकार ने 25 जून, 2015 को स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) की शुरुआत की। जनवरी 2016 से जून 2018 तक प्रतियोगिता के चार दौर के माध्यम से 100 स्मार्ट शहरों का चयन किया गया। स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य उन शहरों को बढ़ावा देना है जो स्मार्ट समाधानों के अनुप्रयोग के माध्यम से अपने नागरिकों को मुख्य अवसंरचना और जीवन की उपयुक्त गुणवत्ता, स्वच्छ और दीर्घकालिक पर्यावरण प्रदान करते हैं। इसका उद्देश्य सुसम्बद्ध क्षेत्रों को देखना, प्रतिकृति मॉडल तैयार करना है जो उसी शहर/ अन्य महत्वाकांक्षी शहरों के अन्य क्षेत्रों में प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करेंगे। 

मिशन से प्राप्त ज्ञान का विभिन्न तंत्रों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। अब तक इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड्स (आईएसएसी) के 4 संस्करण हुए हैं जिनमें सर्वश्रेष्ठ शहरों, परियोजनाओं और नवाचारों को मान्यता प्रदान की गई है। प्रत्येक संस्करण के भाग के रूप में, पुरस्कार विजेता परियोजनाओं का एक संग्रह प्रकाशित किया जाता है। मिशन ने अपनी छत्रछाया में हुए विभिन्न कार्यों पर केंद्रित अनेक प्रकाशन, समाचारपत्र, सलाह, दस्तावेज प्रकाशित किए हैं। ये दस्तावेज देश के सभी कस्बों और शहरों के लिए उपयोगी हैं। मिशन द्वारा सहकर्मी-से-सहकर्मी ज्ञान के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सम्मेलनों, सेमिनारों और वेबिनार जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग किया जाता है। इन गतिविधियों के अलावा, मिशन के अंतर्त ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स जैसे विभिन्न परिणाम सूचकांक तैयार किए गए हैं, जो शहरों के बीच क्रॉस-लर्निंग के लिए मंच के रूप में कार्य करते हैं।  27 नवंबर 2023 तक, लगभग 1,71,224 करोड़ रुपये की 7,959 परियोजनाओं के लिए कार्य आदेश जारी किए गए हैं; इनमें से 1,16,269 करोड़ रुपये की 6,271 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 78,749.88 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं; जिसमें से 71,135.70 करोड़ रुपये (90%) का उपयोग किया जा चुका है।

शहरी स्तर पर एससीएम का कार्यान्वयन एसपीवी द्वारा किया जाता है, जिसे इस उद्देश्य के लिए बनाया गया है। राज्य स्तर पर, मिशन कार्यान्वयन की निगरानी राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति (एचपीएससी) द्वारा की जाती है। राष्ट्रीय स्तर पर, कार्यान्वयन की निगरानी सचिव, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) की अध्यक्षता में एक शीर्ष समिति द्वारा की जाती है। एसपीवी के बोर्ड में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के नामित निदेशक नियमित रूप से संबंधित शहरों में प्रगति की निगरानी करते हैं। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय वीडियो कॉन्फ्रेंस, समीक्षा बैठकों, क्षेत्रीय दौरों, क्षेत्रीय कार्यशालाओं आदि के माध्यम से राज्यों/स्मार्ट शहरों के साथ नियमित रूप से बातचीत करता है। स्मार्ट शहरों का विभिन्न पैरामीटरों पर निरंतर मूल्यांकन किया जाता है, लेकिन वास्तविक समय ऑनलाइन भू-स्थानिक प्रबंधन सूचना प्रणाली (जीएमआईएस) के माध्यम से परियोजना कार्यान्वयन और निधियों के उपयोग तक ही सीमित नहीं है। एससीएम के कार्यान्वयन की अवधि को जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है और सभी उम्मीद की जाती है कि सभी स्मार्ट शहर निर्धारित समय के अंदर अपनी परियोजनाओं को पूरा कर लेंगे।

यह जानकारी केंद्रीय आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

Wcnews7.in Abhimanyu

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